जिसको हमने खोया,
धीरे-धीरे उसको पा रहे हैं।
अपनी संस्कृति और सभ्यता,
को फिर से उभार रहे हैं।
अनेक भाषाओं से बनी हमारी संस्कृति,
प्रेम की भाषा सीखा रहे है।
शत्रुओं को भी सबक,
प्रीत के भाव सिखा रहे हैं।
छुपे अपने ज्ञान को,
फिर से जागृत कर रहे है।
गीता, उपनिषद, गुरुओं की वाणी
जीवन की राह दिखा रहे हैं।
दिशा भटक गए ,
राह सही पकड़ लिए हैं।
स्त्री को देवी ,
इनकी चेतना जगा रहे है।
बच्चों को बचपन,
आदर्श सही दिखा रहे हैं।
दानव को भी मानव,
बनने की प्रवृत्ति दर्शा रहे है।
प्रकृति के गोद में बैठा रहे है।
विज्ञानिक दृष्टि अपना रहे हैं।
Are Changing
Whom we lost
Slowly getting to him.
Own culture and Civilization,
are rising again.
Our culture is made up of many languages,
Learning the language of love.
Lessons for enemies too
Teaching the expressions of love.
hide your knowledge
Awakening again
Gita, Upanishads, Speeches of Gurus
Showing the way of life.
lost direction,
The path is taken Right.
goddess to woman
Their consciousness is being awakened.
children childhood,
Showing ideal.
Human to demon too,
Showing a tendency to become
Sitting in the lap of nature.
Takin a scientific approach.
Nice line