Dear friends,
How to know our personality, how is our personality? personally. Guess what? Personality is determined by things like our society, nature, friends, family, etc. How or what our personality is because we live in harmony with society, nature, family, etc. Suppose you work in a company, then your person will be different there, every person has a different personality, that's why oh looks different in the crowd. As long as a person does not know something, he is like an unknown person and has no value, just as a stone does not take the shape of an idol until it is hurt Doesn't ask Our life is like that, until we do not stumble in our life and get knowledge, we are of no value because the struggle is necessary to improve life, you do not get anything for free, for this, you have to pay a lot. You have to sacrifice something or you have to say that you have to struggle a lot to get something.
The personality of every person is based on his actions, but how he is doing the work, that is the determination of his work methods. Suppose you are studying and you want to do something big, then first you will start small. Like you gave the employee's exam, you passed in it and why did you get the job but you didn't even go to work, now you are thinking that I will give a bigger exam than this. Then you took the constable's exam, you passed in that too, then you didn't do a job there. Then you thought that now I will give a bigger test than this. Then you took the SP exam and you passed it. And worked there for a few days then you left the job there and you thought now I will prepare for UPSC. And you passed in that too and you became an IPS or IAS. Your father was very happy and he distributed sweets to many people in this happiness, praised you from the people and what else would not have said. But you changed your mind, now you don't want to become an IAS or IAS, now you come to your father and say father, I have left the job and now I will do farming, then the effect of your personality on your father at that time will shake it. Will go and tell you what you don't know and he too will be wondering what is going on in his mind.
The person does not know the personality of the person himself but knows all the things that lead him somewhere because the person never makes the right choice by himself because he always determines his personality on the things of family, friends, etc., if If you want to know your personality, then you have to know yourself. After all, you can recognize yourself, others will say according to your actions, what you are doing, but what you are, no one can tell other than you.
Suppose you come home from the office and have heard a lot from the office boss and you are angry and when you come home you do not even get proper food, then you get very angry, in that situation your mood is absolutely the same. won't work. Then a lot of bad thoughts will be roaming in your mind. But you must not be thinking at all that why you did not get food, I came outside the office after working so much and I am not getting peace even at home. But when your anger will subside and you will be patient and your mind will come back to a normal state, then you will be able to understand the whole situation and you will be able to know how the situation had come to you.
Every person uses his personality mostly of two types. First, as what he thinks in his heart, mind, and how emotions arise in his mind, he acts accordingly. Second that he thinks something else and does something else and feelings arises in his mind and act accordingly but he does not know whether he is doing right or wrong and sometimes he knows right. The tax also chooses the wrong and knows wrong sometimes, then he chooses the right. Sometimes the emotion that is seen on the face of a person is also in his heart, but sometimes the nature and emotion of the person do not come to his main mind at all and he gives a different impression of his personality.
But you should always remember that a person's personality cannot be properly identified by his clothes, gait, and his words. Because according to the time of the people and according to the changes taking place in the society, the person's personality is not properly identified or known. Because sometimes the behavior of a person is so sweet and simple that even the wrong person looks right to us and sometimes we are not able to recognize the right person because of their behavior.
"Not everything that looks beautiful is priceless,
Not every ugly thing is priceless,
It cannot happen that everyone recognizes everyone,
Because not everyone's eyes are the same."
व्यक्तित्व व्यक्ति के अंदर
प्रिय दोस्तों,
कैसे पहचाने अपना व्यक्तित्व ,हमारे व्यक्तित्व कैसा है? व्यक्तित्। माने क्या? व्यक्तित्व हमारे समाज , प्राकृति, मित्र, परिवार आदि चीजों से निर्धारित होती है कि हमारा व्यक्तित्व कैसा है या क्या है ,क्योंकि हम समाज ,प्रकृति, परिवार आदि सभी के साथ मिलजुल कर रहते हैं । मान लो आप किसी कंपनी में काम करते हो, तो वहा आप का व्यक्तिय कुछ ओर होगा, हर व्यक्ति का अलग व्यक्तित्व होता है, तभी ओह भीड़ में अलग दिखता है। जब तक किसी व्यक्ति को किसी चीज के बारे में ज्ञान नहीं होगा तब तक हो अज्ञात पुरुष की भाती होता है और उसका कोई मोल नहीं होता, जिस प्रकार एक पत्थर जब तक है चोट नहीं खाता तब तक मूर्ति का आकार नहीं लेता तब तक उसको कोई नही पूछता। वैसा ही जीवन है हमारा, जब तक हम अपने जीवन में ठोकर नहीं खाते और ज्ञान प्राप्त नहीं करते तब तक हमारा कोई मोल नहीं होता, क्योंकि जीवन को बेहतर बनाने के लिए संघर्ष जरूरी है, आप को मुफ्त में कुछ नहीं मिलती इसके लिए आपको बहुत कुछ त्याग करना पड़ता है या यू कहे की कुछ पाने लिए आपको बहुत ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है।
हर व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके कर्मों के आधार पर होता है परंतु वह कर्म कैसा कर रहा है, वह उसके कार्य विधियों की ऊपर निर्धारण है। मान लो आप पढ़ाई कर रहे हो और आपको कुछ बड़ा करना है तो पहले आप छोटे से शुरुआत करोगे। जैसे आपने कर्मचारी की परीक्षा दी, उसमें आप पास हो गए और आप क्यों हा नौकरी भी लग गई लेकिन आप नौकरी करने गए ही नहीं, अब आप सोच रहे हैं मैं इससे अब कोई बड़ा परीक्षा दूंगा। फिर आपने कॉन्स्टेबल की परीक्षा दी, उसमे भी आप पास हो गए, फिर आपने वहां नौकरी नहीं की। फिर आपने सोचा अब इससे बड़ा परीक्षा दूंगा। फिर आप SP की परीक्षा दी और उसमें आप पास हो गए। और वहां कुछ दिन नौकरी की फिर आपने वहां नौकरी छोड़ दी और आपने सोचा अब मैं यूपीएससी की तैयारी करूंगा। और आप उसमें भी पास हो गए और आपको एक आईपीएस या आईएएस बन गए।आपके पिता बहुत खुश हुए और उन्होंने इस खुशी में बहुत लोगों को मिठाइयां बांटी लोगों से आपकी तारीफ की और बाकी क्या क्या नहीं कहा होगा। परंतु आप का मन बदल गया, अब आप आईएएस या आईएएस बनना नहीं चाहते, अब आप अपने पिता के पास आए और कहेंगे पिताजी मैंने नौकरी छोड़ दी और अब मैं खेती करूंगा तो उस समय आपके पिता पर आपके व्यक्तित्व का जो प्रभाव होगा वही वह हिला जायेगे और आपको ना जाने क्या-क्या कहेंगे और वह भी सोच में पड़ जाएंगे कि इसके मन में क्या चल रहा है।
व्यक्ति का व्यक्तित्व व्यक्ति स्वयं नहीं जानता, लेकिन वह सब बातें जानता है जो उसे कहीं जाती है, क्योंकि व्यक्ति कभी भी सही चुनाव खुद से नहीं करता क्योंकि वह हमेशा परिवार, दोस्तों आदि लोगों का ही बातों पर अपना व्यक्तित्व का निर्धारण करता है, यदि आपको अपने व्यक्तित्व को पहचानना है तो आपको अपने आपको पहचाना करना होगा, क्योंकि आप ही अपने आप को पहचान सकते हैं दूसरा आपके कार्यों जैसा आप कर रहे हैं उसके अनुसार वह कहेगा लेकिन आप क्या है, आपके अलावा और कोई नहीं बता सकता।
मान लीजिए आप ऑफिस से घर आते हैं और ऑफिस के बॉस से बहुत कुछ सुना है और आप गुस्से में हैं और जब आप घर आते हैं तो आपको ठीक से खाना भी नहीं मिलता है, तो आपको बहुत गुस्सा आता है, उस स्थिति में आपका मूड बिल्कुल वैसा ही होता है। काम नहीं करेगा। तब आपके मन में बहुत सारे बुरे विचार घूम रहे होंगे। लेकिन आप बिल्कुल भी नहीं सोच रहे होंगे कि खाना क्यों नहीं मिला, इतना काम करके मैं ऑफिस के बाहर आ गया और घर में भी चैन नहीं मिल रहा। लेकिन जब आपका गुस्सा कम होगा और आप धैर्य रखेंगे और आपका दिमाग वापस सामान्य स्थिति में आ जाएगा, तब आप पूरी स्थिति को समझ पाएंगे और आप जान पाएंगे कि स्थिति आपके पास कैसे आई।
प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का प्रयोग अधिकतर दो प्रकार से करता है। सबसे पहले, वह अपने दिल, दिमाग में क्या सोचता है और उसके दिमाग में भावनाएं कैसे उत्पन्न होती हैं, वह उसके अनुसार कार्य करता है। दूसरा कि वह कुछ और सोचता है और कुछ और करता है और उसके मन में भावनाएँ उठती हैं और उसके अनुसार कार्य करती हैं लेकिन वह खुद नहीं जानता कि वह सही कर रहा है या गलत और कभी-कभी वह सही जानता है। टैक्स भी गलत चुनता है और कभी-कभी गलत जानता है, फिर वह सही को चुनता है। कभी-कभी किसी व्यक्ति के चेहरे पर जो भाव दिखाई देता है, वह उसके दिल में भी होता है, लेकिन कभी-कभी व्यक्ति का स्वभाव और भावना उसके मुख्य दिमाग में बिल्कुल नहीं आती है और वह अपने व्यक्तित्व को एक अलग छाप देता है।
लेकिन आपको हमेशा याद रखना चाहिए कि किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को उसके कपड़ों, चाल और उसकी बातों से ठीक से नहीं पहचाना जा सकता है। क्योंकि लोगों के समय के अनुसार और समाज में हो रहे परिवर्तनों के अनुसार व्यक्ति के व्यक्तित्व की ठीक से पहचान या पता नहीं चल पाता है। क्योंकि कभी-कभी किसी व्यक्ति का व्यवहार इतना मीठा और सरल होता है कि गलत व्यक्ति भी हमें सही लगता है और कभी-कभी हम सही व्यक्ति को उनके व्यवहार के कारण पहचान नहीं पाते हैं।
"सुंदर दिखने वाली हर चीज़ अमूल्य नहीं होती,
हर कुरूप चीज अमूल्य नहीं होती,
ऐसा नहीं हो सकता कि हर कोई सबको पहचान ले,
क्योंकि सभी की आंखें एक जैसी नहीं होती हैं।"
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